Jeevan Aur Mrityu Ka Rahasya
दुनिया के हर इंसान के मन में कभी न कभी यह सवाल अवश्य उठता होगा कि आखिर Jeevan Aur Mrityu Ka Rahasya क्या है । जब हम किसी शवयात्रा को देखते हैं तो कुछ क्षण के लिए हमारा ध्यान मृत्यु की तरफ जाता है और हम भावुक हो जाते हैं। आखिर यह मृत्यु है क्या ।
क्या होता है मरने के बाद ।
मृत्यु के विषय में दुनियाभर में अलग-अलग तरह की बातें और मान्यताएं प्रचलित हैं । लेकिन हम आपको क्लीयर कर दें की इस दुनिया में मृत्यु के शिवाय कुछ नहीं है । मनुष्य सोचता है दुनिया में जन्म लेने बाद जीवन शुरू होता है लेकिन हम मानते हैं कि मां के गर्भ के साथ ही मृत्यु की शुरूआत हो जाती है । वैसे तो मृत्यु का कोई समय निष्चित नहीं है। मां के गर्भ में भी इंसान की मृत्यु हो सकती है और जन्म के तुरन्त बाद भी या मां के गर्भ से 50-100 साल बाद भी । कहने का मतलब साफ है मृत्यु की कोई समय सीमा नहीं है । कभी भी हो सकती है ।
मृत्यु के विषय में दुनियाभर में अलग-अलग तरह की बातें और मान्यताएं प्रचलित हैं । लेकिन हम आपको क्लीयर कर दें की इस दुनिया में मृत्यु के शिवाय कुछ नहीं है । मनुष्य सोचता है दुनिया में जन्म लेने बाद जीवन शुरू होता है लेकिन हम मानते हैं कि मां के गर्भ के साथ ही मृत्यु की शुरूआत हो जाती है । वैसे तो मृत्यु का कोई समय निष्चित नहीं है। मां के गर्भ में भी इंसान की मृत्यु हो सकती है और जन्म के तुरन्त बाद भी या मां के गर्भ से 50-100 साल बाद भी । कहने का मतलब साफ है मृत्यु की कोई समय सीमा नहीं है । कभी भी हो सकती है ।
Mrityu Ke Bare Me ~ मृत्यु के बारे में
मृत्यु के बारे में प्रतिदिन हमें न जाने कितनी खबरें अखबारों और टीवी के माध्यम से मलती रहती हैं।
उदाहरण:- मृत्यु के बारे में अक्शर ऐसा सुनने को मिलता है ।
उदाहरण:- मृत्यु के बारे में अक्शर ऐसा सुनने को मिलता है ।
1. सेल्फी लेने के चक्कर रोहित की मृत्यु हो गई ।
2. शादी समारोह में नीटू और उसके दोस्त DJ पर डांस कर रहे थे । अचानक नीटू की तबीयत बिगड़ी और उसकी मृत्यु हो गई ।
3. अस्पताल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मृत्यु हो गई ।
4. राहुल और उसके दौस्त पार्टी कर रहे थे । ज्यादा ड्रींक करने की वजह से राहुल की मृत्यु हो गई ।
5. जितेंद्र को पानी पीते समय ऐसा फंदा लगा कि 1 घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई ।
6. श्याम सुंदर की पद यात्रा करते समय ठोकर लगने से मृत्यु हो गई ।
7. गौरव को अचानक घबराहट महशूस हुई और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई ।
8. सुरेश पूरे परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने जा रहा था कार एक्सीडेंट में पूरे परिवार की मृत्यु हो गई ।
9. रहीम को खाना खाते-समय ऐसा फंदा लगा की रहीम की मृत्यु हो गई
10. शराब पीने से 15 लोगों की मृत्यु
11. नवरात्रों में व्रत के दौरान रेखा की मृत्यु ।
12. पैसों के पीछे विवाद छोटे भाई ने बड़े भाई को जान से मारा ।
13. किसान ने फसल बर्बाद होने पर की खुद खुशी ।
14. पांच लड़कों ने एक लड़की को जंगल में ले जाकर पहले कुकर्म किया फिर गला दबा कर मार डाला
15. प्यार के चक्कर में युवक यूवती की हत्या ।
16. प्रेम रोग के चलते युवती ने लगाई फांसी ।
17. दहेज के चक्कर में ससुराल वालों ने की नव विवाहिता की हत्या
18. गंगा स्नान करने गये युवक की गंगा में डूबने से मृत्यु
19. गैस पर रोटी पकाते समय सिलेंडर फटने से युवती की मृत्यु ।
20. बिजली ठीक करते समय करेन्ट लगने से युवक की मृत्यु
21. डेंगू बुखार से 10 लोगों की मृत्यु
22. अचानक चक्कर आने से 15 साल की लड़की की मृत्यु
23. पेट में अचानक दर्द उठने से युवती की मृत्यु ।
24. रक्षाबंधन पर भाई को राक्षी बांधने गई बहन की सड़क हादसे में मृत्यु ।
25. दिवाली पर पटाखा फोड़ते समय युवा बच्चे की मृत्यु
26. शादी टूटने से लड़की ने की खुद खुशी ।
27. नौकरी न मिलने पर नौजवान ने की खुद खुशी
28. ऐजाम में फेल होने पर लड़की ने खाया जहर मृत्यु
29. लड़की के चक्कर में आकर लड़के ने अपनी मां की हत्या कर दी ।
30. मानसिक तनाव में आकर युवक ने की खुद-खुशी ।
31. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 50 लोगों की मौत ।
32. हार्टअटैक से नौजवान युवा की मृत्यु ।
मृत्यु को जीवन समझना ही मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है और मनुष्य इसी को अपना जीवन मानकर Enjoy करने में लगे है । उदाहरण के लिए आप ऊपर देख सकते हैं कि कैसा जीवन है मनुष्य का, इस विषय में गीता ज्ञान देने वाला भगवान खुद कह रहा है अर्जुन से कि तेरे और मेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं इससे सिद्ध होता है कि गीता ज्ञान देने वाला भी मृत्यु के बंधन में है । इसलिए Next No. आपका भी है ।
मृत्यु को जीवन समझना ही मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है और मनुष्य इसी को अपना जीवन मानकर Enjoy करने में लगे है । उदाहरण के लिए आप ऊपर देख सकते हैं कि कैसा जीवन है मनुष्य का, इस विषय में गीता ज्ञान देने वाला भगवान खुद कह रहा है अर्जुन से कि तेरे और मेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं इससे सिद्ध होता है कि गीता ज्ञान देने वाला भी मृत्यु के बंधन में है । इसलिए Next No. आपका भी है ।
गीता अध्याय 4 श्लोक 5 में गीता ज्ञान देने वाला भगवान खुद कह रहा है कि हे अर्जुन तेरे और मेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं इन सबको तू नहीं जानता मैं जानता हूँ ।
लेकिन मनुष्य सब कुछ भुला चुका है कि जिस दुनिया वह रह रहा है वहाँ उसके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है । इस दुनिया में आने के बाद हर इंसान को मरना है इसलिए अगला नम्बर आपका और हमारा है 101% इसे कोई नकार नहीं सकता क्योंकि मृत्यु को जीवन समझना ही इंसान की सबसे बड़ी भूल है । और यही दुनिया का अन्तिम सत्य है । क्योंकि इस दुनिया में इंसान खाली हांथ आता है और खाली हांथ ही चला जाता है, बाकी सब काल का जाल है । काल ने इंसानों को एक प्लानिंग के तहत इस दुनिया में फंसा रखा है । वह नहीं चाहता कि किसी प्राणी का ध्यान मृत्यु सत भक्ति की तरफ जाये । इसलिए उसने सभी प्राणियों को मास्टर प्लानिंग के तहत फसाया है । काल ने मनुष्य के ऊपर इतना प्रेसर डाल रखा है कि मनुष्य चहा कर भी मृत्यु और सत भक्ति के बारे में नहीं सोच सकता । इतना बुरा हाल कर रखा है इस मनुष्य का । आओ जाने काल का मास्टर माइन्ड प्लान क्या है जिसमें आकर हर इंसान ओटोमेटिक फंस जाता है ।
लेकिन मनुष्य सब कुछ भुला चुका है कि जिस दुनिया वह रह रहा है वहाँ उसके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है । इस दुनिया में आने के बाद हर इंसान को मरना है इसलिए अगला नम्बर आपका और हमारा है 101% इसे कोई नकार नहीं सकता क्योंकि मृत्यु को जीवन समझना ही इंसान की सबसे बड़ी भूल है । और यही दुनिया का अन्तिम सत्य है । क्योंकि इस दुनिया में इंसान खाली हांथ आता है और खाली हांथ ही चला जाता है, बाकी सब काल का जाल है । काल ने इंसानों को एक प्लानिंग के तहत इस दुनिया में फंसा रखा है । वह नहीं चाहता कि किसी प्राणी का ध्यान मृत्यु सत भक्ति की तरफ जाये । इसलिए उसने सभी प्राणियों को मास्टर प्लानिंग के तहत फसाया है । काल ने मनुष्य के ऊपर इतना प्रेसर डाल रखा है कि मनुष्य चहा कर भी मृत्यु और सत भक्ति के बारे में नहीं सोच सकता । इतना बुरा हाल कर रखा है इस मनुष्य का । आओ जाने काल का मास्टर माइन्ड प्लान क्या है जिसमें आकर हर इंसान ओटोमेटिक फंस जाता है ।
काल का जाल
1. काल ने जाति-धर्म के चक्कर में इंसान को फंसा दिया । हम सब जानते हैं भगवान एक है लेकिन इंसानों को जाति-धर्म पहले चाहिए पूर्ण परमात्मा बाद में लेकिन जाति-धर्म के आधार पर पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती इसलिए काल ने इंसानों पर जाति-धर्म का कार्ड खेलकर सभी को अलग-अलग कर दिया ।
2. काल ने सफलता के चक्कर में इंसान को फंसा दिया । जो आज तक किसी मनुष्य को नहीं मिली ।
3. प्रेम रोग के चक्कर मे इंसान को फंसा दिया । यह ऐसा फंदा है जो मनुष्य को सीधा यमलोक ले जाता । इस फंदे से बचना आसान नहीं है ।
4. काल ने मोह-माया के चक्कर मे इंसान को फंसा दिया । यह भी भयंकर काल जाल है ।
5. काल ने मदिरापान और अन्य नशों के चक्कर में इंसान को फंसा दिया ।
इस काल जाल और मृत्यु से छुटकारा पाने का एक ही रास्ता है और वो है सत भक्ति जिसे सुनकर ही लोगों के होश उड़ जाते हैं । यही है काल का मास्टर माईन्ड प्लान
मृत्यु का भय
1. बुखार आने पर हम दौड़ कर डॉक्टर के पास जाते कि कहीं मृत्यु न हो जाये । यह मृत्यु नहीं तो क्या है ।
2. अगर किसी व्यक्ति को भयंकर रोग हो जाता है और डॉक्टर भी बचाने से इनकार कर देता है तब इंसान को भगवान याद आती है कि हे भगवान अबकी बार बचाले । यह मृत्यु नहीं तो क्या है ।
3. सुगर वाला व्यक्ति मीठी चीजें क्यों नहीं खाता क्योंकि उसे पता है मीठा चीजें खाऊंगा तो मारा जाऊंगा । यह मृत्यु नहीं तो क्या है ।
4. भूकंप आने हर इंसान घर छोड़कर बाहर की तरफ भाग लेता है कहींं घर में दबकर न मर जाऊं । यह मृत्यु नहीं तो क्या है । मृत्यु को ही जीवन समझना इंसान की सबसे बड़ी भूल है । मृत्यु के इस रोग से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है कि हर इंसान जीने की राह अपनायें और मृत्यु से पूर्ण छुटकारा पायें ।
मृत्यु के विषय में तत्व ज्ञानियों का संदेश
समय-समय पर इस दुनिया में कुछ ऐसे तत्व ज्ञानियों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने जीवन काल में ही इस महत्वपूर्ण गुत्थी को सुलझाया है । उन तत्व ज्ञानियों में सर्वप्रथम कबीर जी और गुरु नानक जी हैं । आओ जाने मृत्यु के बारे में इन तत्व ज्ञानियों की की राय ।
मृत्यु पर कबीर जी की राय
झूठे सुख को सुख कहे, यह मानत है मन मोद
जगत चबेना काल का, कछु मुख में कछु गोद। 1
इंसान दुनिया के झूठे सुख को सुख मान राहे हैं और मन ही मन प्रसन्न हो रहे हैं ।
लेकिन दुनिया मृत्यु का चवेना है। मृत्यु लोगों को कुछ अपने मुंह और कुछ को गोद में रख कर लगातार चवा रही है । अगला नम्बर आपका है ।
गुरु जहाज हम पाबना,गुरु मुख पारि पराय
कबीर गुरु जहाज जाने बिना, रोबै घट खराय। 2
कबीर जी लोगों से कहते है की मैंने गुरु रुपी जहाज को प्राप्त कर लिया है। जिसे यह जहाज मिल गया है वह निश्चय इस भव सागर को पार कर जायेगा। जिसे यह गुरु रुपी जहाज नहीं मिला वह किनारे खड़ा रोता रह जायेगा क्योंकि इस दुनिया में पूर्ण गुरु के बिना मोक्ष संभव नहीं है।
मृत्यु पर गुरु नानक जी राय
ना जाने काल की कर डारे किस विध ढल जाए पासा वे ।
जिनाते सिर दे मौत खुड़गदी उन्हनू केड़ा हाँसा वे। 1
गुरु नानक जी कहते हैं कि यह काल की दुनिया है यहां का मालिक काल हर समय सर पर मौत बनकर खड़ा रहता ऐसे में हंसना भी तो कैसा हंसना । गुरु नानक जी का कहना है कि इस दुनिया में मौज-मस्ति करना और नाच कूद करना बेकार है सत भक्ति अपनाओ यहां किसी समय क्या हो जाये कोई नहीं जानता क्योंकि यह काल की दुनियां है । अगला नम्बर आपका है ।
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